लेखनी कहानी -02-Dec-2022
1 ममता
मां तो ममता की ताज होती है
सारी खुशियां बच्चो पे वार देती है
कभी डांट देती है,कभी मौज लेती है
दोस्तो की तरह सबसे खास होती है
मां तो ममता की ताज होती है
सारी खुशियां बच्चो पे वार देती है
चेहरे को देख के टेंशन पहचान लेती है
जिंदगी जीने के सलीके वो मुझे सिखाती है
मां तो ममता की ताज होती है
सारी खुशियां बच्चो पे वार देती है
तबियत खराब होने पे बुरी नजरों को दोष देती है
खुद डॉक्टर बन हर मुश्किल को टाल देती है
मां तो ममता की ताज होती है
सारी खुशियां बच्चो पे वार देती है
गलती होने पे पर्दा डाल देती है
पर जबरदस्त एहसास करा ही देती है
मां तो ममता की ताज होती है
सारी खुशियां बच्चो पे वार देती है
2 मेरी मां की ममता
जब मै छोटी सी कली बन संसार में आई थीं
उस वक्त मेरे मां के चेहरे मे मुस्कान सी छाई थी
अपने आंचल पे मुझे खिलाया बहुत है
धूप छाव हर बरसात से बचाया बहुत हैं
डांट के पिटारे से हुई बड़ी हूं,मार क्या होती है
बचपन से ही जान गई हूं बेलन कैची हर औजार
से परख ,थी ,मेरी मां का खूर देना बाद मे बताते है
इतना कहना, की समझ थी मेरी
डांट देती है ,,बच्चे बड़े हो जाते ,पर मां से सच्चा कोई नही है
खाना खाने से लेके हर चीज का ध्यान रखती है
मां ही है जो बच्चो से सबसे ज्यादा प्यार करती है।।
Gunjan Kamal
05-Dec-2022 07:17 PM
बहुत खूब
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